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मौला हज़रत अली R.A. का जन्म मक्का शरीफ में हुआ था ,जिन्हे इसलाम में कई नामो से पुकारा जाता है जैसे शेर ए खुदा ,हैदर और भी कई नामो से पुकारा जाता है। हज़रात अली इस्लाम के चार खलीफाओं में से चौथे खलीफा है। आज हम इस पोस्ट हजरत अली की प्यारी बाते हिंदी में पोस्ट करेंगे !
100 +हज़रत अली की प्यार बातें !
ज़िन्दगी की खूबसूरती यह नहीं है की तुम कितने खुश हो,जिंदगी की खूबसूरती यह है की दूसरे तुमसे कितना खुश है।
दूसरी चीजों में ब्यस्त होने से पहले किसी की मदद करने में जल्दी करो
लोगो को सोने चांदी से ज्यादा अच्छा ढंग (इखलास ) की जरुरत है !
अक्लमंदी यह है की तुम यह कहो जो तुम जानते हो और जो तुम कहो उस पर अमल भी करो !
मोमिन का दिल अमल पाक,जरुरत कम और लोगो को उससे अच्छाई की उम्मीद ज्यादा होता है !
सबसे अच्छा इबादत हराम कामो से बचाना और बुरी आदतों पर काबू पाना है !
हर आदमी बिना सक के वह अपने राज को महफूज (बचा कर ) रख सकता है !
ज्यादा ख्वाहिशात इंशान को अँधा कर देता है फिर इसको हराम हलाल का पता नहीं रहता है !
अक्लमंदी अनुभव की हिफाज़त करता है !
नेकी से दिल जित लिया जाता है !
जो तुम्हे दुखः दे उसे छोड़ दो लेकिन तुम जिसे छोडो उसे कभी दुःख मत दो !
लोगो के लिए वही पसंद करो जो अपने लिए पसंद करते हो तो एक सच्चा मुसलमान बन जाओगे !
आख़िरत खुश किस्मतो की निशानी है !
दिल को काबू में रखना और इख़्तियार होने के बावजूद भी जगत कामो से बचना ही असल मर्दानगी है !
खामोशी एक अजीम नेमत है खास तौर पर उस वक्त जब ज्यादा इख्तिलाफ हो ,आवाजे बुलंद हो ,इल्म की कमी हो और दलील की कोई औकात न हो !
तुम गुलाब का फूल बन जाओ क्यों की यह फूल उसके हाथो में खुशबु छोड़ जाता जो उसे मसल कर फेक देता है !
अच्छे लोगो को तुम्हारे जिंदगी में आना तुम्हारी किस्मत होती है और उन्हें संभलकर रखना तुम्हारा काम हुनर !
अगर अल्लाह तुम्हे किसी मुसीबत में डाल दे तो सबर करो !
तीन चीजे नेकी का दरवाज़ा है दिल की सखवावत ,बोलने की पाकीजगी और गमो पर सबर !
इल्म की राह में घर से निकले वाला अल्लाह की रह में इबादत करने की मानिंद है !
नरमी तलब इख़्तियार करना नेक लोगो की अलामनत है और अकलमंडी की निशानी !