आप वह सारा ज्ञान हासिल कर सकते हैं जिसकी आपको ज़रुरत है

आप वह सारा ज्ञान हासिल कर सकते हैं जिसकी आपको ज़रुरत है


इससे पहले कि आपको यह विश्वास हो कि आप इच्छा को इसके आर्थिक समतुल्य में बदलने की सामर्थ्य रखते हैं, आपको उस सेवा, वस्तु या प्रोफ़ेशन के विशिष्ट ज्ञान की आवश्यकता होगी जिसके द्वारा आप दौलतमंद बनना चाहते हैं। शायद आपको इतने अधिक विशिष्ट ज्ञान की


आवश्यकता हो जो आपके पास न हो और आपके पास उस ज्ञान को हासिल करने की कोई रुचि या योग्यता न हो, ऐसे में आप अपने “मास्टर माइंड” समूह की सहायता से अपनी कमज़ोरी पर पुल बना सकते हैं। बहुत अधिक धन के संग्रह के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है और शक्ति हासिल होती है विशिष्ट ज्ञान के संयोजन और बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग से, परंतु यह ज़रूरी नहीं है कि यह सारा का सारा ज्ञान उस आदमी के पास हो जो धन का संग्रह करता है। इससे पहले वाले पैरेग्राफ़ से उस आदमी को आशा और प्रोत्साहन मिलना चाहिए जिसमें दौलतमंद बनने की महत्वाकांक्षा तो है,


 परंतु उसके पास वह “शिक्षा” या “विशिष्ट ज्ञान” नहीं है जिसकी उसे दौलतमंद बनने के लिए ज़रूरत है। कई बार जीवन में लोग “हीन भावना” से ग्रस्त हो जाते हैं, क्योंकि वे लोग “शिक्षित” नहीं हैं। वह आदमी जो ऐसे विशेषज्ञों का “मास्टर माइंड” समूह बनाकर उन्हें मार्गदर्शन देता है, जिनके ज्ञान के द्वारा धन का अर्जन किया जा सकता है, उसे बहुत अधिक बुद्धिमान कहा जाएगा। थॉमस एडिसन अपनी ज़िंदगी में सिर्फ़ तीन महीने “स्कूल” गए थे।


 परंतु उनके पास शिक्षा की कमी नहीं थी, न ही वे ग़रीबी में मरे। हैनरी फ़ोर्ड छठवीं कक्षा से कम पढ़े थे, परंतु आर्थिक दृष्टि से उन्होंने अपनी स्थिति अच्छी कर ली थी। विशिष्ट ज्ञान प्रचुरता में उपलब्ध है और आप काफ़ी कम दामों में विशिष्ट ज्ञान रखने वाले लोगों को नौकरी पर रख सकते हैं। अगर आपको इस बात में संदेह हो तो किसी भी विश्वविद्यालय के वेतन का रिकॉर्ड देख लें।


यह जानना महत्वपूर्ण है कि ज्ञान किस तरह ख़रीदा जाए !


 सबसे पहली बात तो यह है कि आप यह फ़ैसला कर लें कि आपको किस विशिष्ट ज्ञान की ज़रूरत है। साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि आप उस ज्ञान से कौन सा लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। बहुत हद तक जीवन में आपका प्रमुख लक्ष्य, वह लक्ष्य जिसके लिए आप काम कर रहे हैं यह तय करेगा कि आपको किस ज्ञान की आवश्यकता है। इस प्रश्न का जवाब मिल जाने के बाद आपका अगला क़दम यह होगा कि आप वह सही जानकारी हासिल कर लें और इस ज्ञान के विश्वसनीय स्त्रोतों को खोजें। 


इनमें से अधिक महत्वपूर्ण हैं : 

1.अपना अनुभव और शिक्षा। 

2.दूसरों के सहयोग (मास्टर माइंड सहयोग) के द्वारा उपलब्ध अनुभव और शिक्षा। 

3.कॉलेज और युनिवर्सिटीज़। 

4.सार्वजनिक पुस्तकालय (इंसान ने अब तक जितना ज्ञान हासिल किया है वह सारा ज्ञान पुस्तकों और पीरियॉडिकल्स के द्वारा हासिल किया जा सकता है।) 5.विशेष प्रशिक्षण कोर्स (ख़ास तौर पर नाइट स्कूल और होम स्टडी स्कूल्स) जब ज्ञान हासिल किया जाए तो उसके बाद अपने निश्चित लक्ष्य के लिए योजना बनाकर इसे प्रयोग में लाया जाए।


 ज्ञान का कोई मूल्य नहीं है सिवाय इसके कि आप जो भी ज्ञान हासिल करें उसका इस्तेमाल आप किसी अच्छे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए करें। अगर आप अतिरिक्त स्कूलिंग के बारे में विचार कर रहे हों तो पहले यह तय कर लें कि आपका वह लक्ष्य क्या है जिसके लिए आपको ज्ञान की ज़रूरत है। फिर यह जानें कि वह विशिष्ट ज्ञान आपको किन विश्वसनीय स्त्रोतों से मिल सकता है।


 हर क्षेत्र में सफल लोग अपने प्रमुख लक्ष्य, बिज़नेस या प्रोफ़ेशन से संबंधित विशिष्ट ज्ञान हासिल करते ही रहते हैं। यह सिलसिला कभी ख़त्म नहीं होता। जो लोग सफल नहीं हैं वे आम तौर पर इस ग़लतफ़हमी के शिकार होते हैं कि स्कूल की पढ़ाई ख़त्म होने के बाद सीखने का दौर समाप्त हो जाता है। सच्चाई यह है कि स्कूल की पढ़ाई तो सिर्फ़ विद्यार्थी को वह रास्ता बतोती है जिसके द्वारा व्यावहारिक ज्ञान हासिल किया जाए।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !